देव तथा गुरुवंदन करने हेतु श्री (खमासमण) पंचांग प्रणिपात सुत्र
इच्छामि खमासमणो !वंदिउं जावणिज्जाए निसीहिआए,मत्थएण वंदामि। खमासमण ( Khamasman ) – इस सूत्रसे देव व गुरु को वंदन किया जाता है। देव यानि जिनेश्वर भगवान ( तीर्थंकर), गुरु यानि ऐसेपढ़ना जारी रखे…