गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरूजनों को वंदन

गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरूजनों को वंदन

गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मैं उन सभी गुरूजनों तथा विशिष्ट व्यक्तियों को नमन करता हूँ, जिन्होनें मुझे ज्ञान का भण्डार एवं संस्कार दिया । बल तथा धन का सदुपयोग करना तथा सादगी में रहना सिखाया। बुद्धि का उपयोग करना तथा बोलने की व्यवाहरिकता को समझाया । सेवा तथा कर्म करने की श्रेष्ठता को बताया । गम्भीरता तथा भोलेपन का मतलब समझाया । तप, त्याग और धर्म का मार्ग दिखाया। अतः जाने अन्जानें में आप सभी के प्रति मेरी कोई भुल चुक हुई होय तो आप सभी से मिच्छामी दुक्कड़म।

कहते है पांच हजार साल पहले महाभारत ग्रंथ लिखने वाले कृष्ण द्वैपायन व्यास (महर्षि वेद व्यास) के जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाने की मान्यता चली आ रही है। उनका जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को हुआ था। इस साल 2020 में आज रविवार 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है।

जैन धर्म के अनुसार, यह दिन चौमासा अर्थात चार महीने के बरसात के मौसम की शुरुआत के रूप में और त्रीनोक गुहा पूर्णिमा के रूप में मानते हैं।

‘गु’ शब्द का वास्तविक अर्थ होता है अंधकार और ‘रु’ का मतलब निरोधक। अर्थात जो अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाता है उसे ही गुरु कहा गया है। गुरु अपने शिष्यों का मार्ग दर्शन करते है तथा धर्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं, इसलिए हमारे जीवन में गुरु का अत्यधिक महत्व है।

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जीवन में शान्ती एवं प्रगति के लिये भक्तामर का जाप जरुर करें।
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