1 Rishabhdev Bhagwan

ऋृषभदेव भगवान – पहले तीर्थंकर – 1

ऋृषभदेव भगवान – पहले तीर्थंकर का जन्म चैत्र कृष्ण की अष्टमी-नवमी को कुलकरों की कुल परंपरा के सातवें कुलकर नाभिराज और उनकी पत्नी मरुदेवी के यहां अयोध्या में हुआ था।

ऋृषभदेव भगवान के दो पुत्र भरत और बाहुबली तथा दो पुत्रियां ब्राह्मी और सुंदरी थीं। ऋषभदेव स्वायंभुव मनु से पांचवीं पीढ़ी में इस क्रम में हुए- स्वायंभुव मनु, प्रियव्रत, अग्नीघ्र, नाभि और फिर ऋषभ।

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आपने दीक्षा ग्रहण की तथा फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन आपको कैवल्य की प्राप्ति हुई।

कैलाश पर्वत क्षेत्र के अष्टपद में आपको माघ कृष्ण 14 को निर्वाण प्राप्त हुआ।

इनका प्रतीक चिह्न- बैल, चैत्यवृक्ष- न्यग्रोध, यक्ष- गोवदनल, यक्षिणी- चक्रेश्वरी हैं।

 

भोमियाजी के सुप्रसिद्ध भजन सुने (Listen famous bhomiaji bhajan) – जैन-टाइम्स.कॉम

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