अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर पश्चिम बंगाल में कार्यक्रम

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर पश्चिम बंगाल में कार्यक्रम

दुनिया में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस (Minorities Rights Day) हर वर्ष 18 दिसंबर को मनाया जाता है। भारत में भी इसे मनाया गया और इस मौके पर अल्पसंख्यक आयोग, समेत तमाम संस्थाएं अलग-अलग कार्यक्रम करती हैं। यह दिन अल्पसंख्यक लोगों को आगे लाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए मनाया जाता है। बता दें कि भारत में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैनियों को अल्पसंख्यकों में गिना जाता है।

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली ने 1992 में 18 दिसंबर को इस दिन के लिए चुना था। अल्पसंख्यक धर्म, भाषा, राष्ट्रीयता या जाति के आधार पर होते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने तब कहा था कि देशों को अल्पसंख्यकों की संस्कृति, धर्म आदि की रक्षा करने के लिए कदम उठाने होंगे। ताकि उनका अस्तित्व खतरे में न आए।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा उठाया गया यह बड़ा कदम था। खासकर भारत के नजरिए से भी। भारत में अल्पसंख्यक आयोग इसी को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था। यह आयोग अल्पसंख्यक लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कदम उठाता है और बहुसंख्यकों के साथ इनका समन्वय बनाने की कोशिश करता है।

आज पश्चिम बंगाल मायनोरिटिज कमिशन की तरफ से अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन खाद्य भवन, मिर्ज़ा ग़ालिब स्ट्रीट, कोलकाता में किया गया। मैंने भी ईस कार्यक्रम में ऑल इंडिया जैन मायनोरिटी फेडरेसन की ओर से पश्चिम बंगाल शाखा के संयोजक के रूप में सम्मलित हुआ।

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर पश्चिम बंगाल में कार्यक्रम

कार्यक्रम में एम.पी. (राज्य सभा) – मो. नदिमुल हक, कमिशन के चेयरमैन अबु अयासी मंडल, मिचैल साने केलर्भट, एन एफ टंकारिवाला, अशोक तुरखिया, विकास बारुआ एवं अन्य उपस्थित थे। बात-चित के दौरान सभी ने मायनोरिटीज पर अपनी-अपनी बातें रखीं।