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आचार्य मानतुंग सुरिश्वरजी द्वारा रचित भक्तामर का आलौकिक वर्णन

आचार्य मानतुंग सुरिश्वरजी द्वारा रचित भक्तामर के एक-एक स्तोत्र का हर एक शब्द किसी मंत्र से कम नही है। जिस तरह एक चुम्बक लोहे को खिंचता है उसी तरह हरपढ़ना जारी रखे…

Kamal Chand Ji Anchalia1

आदरणीय कमल चन्द जी आंचलिया ( सुपुत्रः स्व. श्री आनंदमल जी आंचलिया ) देशनोक निवासी का स्वर्गवास शनिवार दिनांक 11 जुलाई 2020 को रात्री लगभग 11 बज कर 15 मिन्टपढ़ना जारी रखे…

Narendra Kumar Ji Kankaria

आदरणीय नरेंद्र कुमार जी कांकरिया ( सुपुत्रः स्व. श्री मोतीलाल जी कांकरिया ) गोगोलाव निवासी का देवलोकगमन वृहस्पतिवार दिनांक 09 जुलाई 2020 को प्रातः से पहले लगभग 1 बज करपढ़ना जारी रखे…

गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरूजनों को वंदन

गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मैं उन सभी गुरूजनों तथा विशिष्ट व्यक्तियों को नमन करता हूँ, जिन्होनें मुझे ज्ञान का भण्डार एवं संस्कार दिया । बल तथा धन कापढ़ना जारी रखे…

भक्तामर स्तोत्र - Bhaktamar Stotra - आचार्य मानतुंगसूरि द्वारा

भक्तामर स्तोत्र का जैन धर्म में बडा ही महत्व है। भक्तामर स्तोत्र की रचना वाराणसी में ‘धनदेव’ श्रेष्ठि के यहाँ जन्मे आचार्य श्रीमानतुंग सूरि द्वारा किया गया। भक्तामर स्तोत्र जैन परंपराओं में सबसे लोकप्रिय संस्कृत प्रार्थना है।पढ़ना जारी रखे…

आदरणीय सुशीला देवी बांठिया ( Sushila Devi Banthia ) को श्रद्धांजली

आदरणीय सुशीला देवी बांठिया ( धर्मपत्नीः श्री सुरेन्द्र कुमारजी बांठिया ) बिकानेर निवासी का स्वर्गवास आज सोमवार दिनांक 29 जुन 2020 को हो गया है। उनका जन्म 1947 में हुआपढ़ना जारी रखे…

Navakar Mantra Me Namo Arihantanam Ka Mahatwa1

नवकार मंत्र में णमो अरिहंताणं – 1 (ए) अरिहंत का बोधक: अरिहंत (अरि + हंत) शब्द का अर्थ है शत्रुओं (अरि) का नाश करने वाला (हंत)। अरिहंत की अवधारणा कोपढ़ना जारी रखे…

अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर जुड़ने हेतु आयुष मंत्रालय का निमंत्रण

आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से बधाई। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY – 2020) की पृष्ठभूमि के खिलाफ आपको लिखना एक विशेषाधिकार है, जो कि रविवार 21 जून को मनायापढ़ना जारी रखे…

Acharya Jinpiyush Sagarsuriswarji Maharaj Saheb

खतरगच्छाधिपति प. पू. श्री कैलाशसागरसूरीश्वर जी म. सा. के पाट पर विराजमान वर्तमान पट्टधर प. पू. आचार्य श्री जिनपीयुषसागर सुरीश्वर जी महाराज साहेब के चरणों में कोटी-कोटी वंदन। आप सुखसातापढ़ना जारी रखे…

श्री उवसग्गहरं (उपसर्गहर ) स्तोत्र

उवसग्गहरं – यह श्री पार्श्वनाथ भगवान का स्तोत्रस्तवन है। इसकी अराधना करने से सर्व विघ्न दूर होते है। इस स्तोत्र में भगवान पार्श्वनाथ की स्तुति करके समकितकी याचना की गईपढ़ना जारी रखे…