कोरोनावायरस ( कोविड – 19) के बढ़ते प्रकोप के बीच केंद्र सरकार ने बंगाल समेत कुछ राज्यों में जमीनी हालात और लाकडाउन के उल्लंघन की पड़ताल करने के लिए इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीमें (आइएमसीटी) भेजी है, जिसके बाद इस पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसपर सवाल उठाते हुए कड़ा विरोध जताया है। साथ ही कहा कि बिना किसी स्पष्ट कारण के मैं इसकी अनुमति नहीं दे पाऊंगी। इसके बाद ममता ने शाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बाबत पत्र लिखकर भी कड़ा विरोध जताया।
इधर, राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने भी कोलकाता और जलपाईगुड़ी में दो टीमों को भेजे जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार को अंधकार में रखकर यह किया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम बिना कारण जाने व बातचीत किए बिना केंद्रीय टीम को फील्ड में घूमने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने इसे फेडरल सेटअप व गाइडलाइन का उल्लंघन बताया। मुख्य सचिव ने कोलकाता आई टीम को स्पष्टीकरण के लिए राज्य सचिवालय नवान्न बुलाया, जहां केंद्रीय टीम मुलाकात के लिए पहुंची।
इधर पीएम को लिखे पत्र में ममता ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जानकारी मिलने से पहले यह टीमें सुबह कोलकाता में पहुंच चुकी थी। ममता ने आगे कहा केंद्रीय टीमों ने राज्य सरकार को जानकारी दिये बिना लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए बीएसएफ और एसएसबी जैसे केंद्रीय बलों से संपर्क किया तथा मैदान में उतर गई। ममता ने लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से केंद्रीय टीम को भेजे जाने से संबंधित 19 अप्रैल का पत्र राज्य के मुख्य सचिव को टीम के यहां पहुंचने के आधे घंटे पहले ही प्राप्त हुआ।
ममता ने पत्र में उल्लेख किया कि केंद्र सरकार की ओर से इस तरह की एकतरफा कार्रवाई बिल्कुल भी युक्ति संगत नहीं है, विशेष रूप से उस वक्त में जब केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर कोरोनावायरस संकट का सामना करने के लिए लगातार काम कर रही हैं तथा केंद्र के हर निर्देश व परामर्श का यहां पालन कर रही है। यहां तक कि दूसरे चरण के लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही राज्य सरकार ने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ा दिया था एवं लाकडाउन का सख्ती से पालन भी करवा रही है।
ममता ने ट्वीट किया, हम कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ केंद्र सरकार के सभी रचनात्मक सहयोग और सुझावों का स्वागत करते हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने बंगाल समेत कुछ राज्यों में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत इंटर मिनिस्टीरियल सेंट्रल टीमें (आइएमसीटी) भेजने का जो फैसला किया है उसका उद्देश्य समझ से परे है। ममता ने कहा बिना किसी स्पष्ट कारण के मैं इसकी अनुमति नहीं दे पाऊंगी, क्योंकि यह संघ की भावना के खिलाफ है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के खिलाफ तैयारियों और मुख्य रूप से लॉकडाउन की सफलता की समीक्षा के लिए केंद्रीय टीम भेजी गई है। गृह मंत्रालय द्वारा राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि यह टीमें जनहित में हालात व ऑन स्पॉट असेसमेंट करेगी, राज्य सरकार को निर्देश देगी और अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेगी। पत्र में लिखा गया है कि यह तो स्पष्ट है कि बंगाल के 7 जिलों – कोलकाता, हावड़ा, पूर्व मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग, कालिमपोंग, और जलपाईगुड़ी में हालत ठीक नहीं है। कोरोना से सबसे प्रभावित राज्य के इन्हीं जिलों में यह टीम दौरा करेगी।