सा. श्रीहर्षयशाश्रीजी म. सा. का कालधर्म अंक्लेश्वर मे

सा. श्रीहर्षयशाश्रीजी म. सा. का कालधर्म अंक्लेश्वर मे

बड़े दुःख के साथ आप सभी को सूचित किया जाता है कि प. पू. जैनकोकिला विश्वप्रेमप्रचारिका समन्वय साधिका प्रवर्तिनी श्रीविचक्षणश्रीजी म. सा. की सुशिष्या सा. श्रीहर्षयशाश्रीजी म. सा. का कालधर्म वार वृहस्पतिवार, दिनांक 23-04-2020 को अंक्लेश्वर मे हार्ड अटैक आने से हुई।

शाम 6 बजे साध्वीजी को अस्पताल ले जाने हेतु ऐम्बुलेंस आई थी। उस समय छोटे साध्वीजी ने खूब पंपिंग भी किया पर कहते है मृत्यु अटल है। आयुष्य कर्म का बंध जब होना होता है तब हो जाता है अपने तो सिर्फ निमित्त रहते है। प्रभुपरमात्मा से हमारी यही प्रार्थना है कि उनको सदगति मिले ।

जय जय नंद्दा, जय जय भद्दा।

उनकी अनुपस्थिति से जैन संघो एवं समाज को बहुत बङी क्षति हुई है। उनका इस वर्ष का चातुर्मास गोपीपुरा शीतलवाङी खरतरगच्छ संघ मे होना सुनिश्चत हुआ था। आप एक विद्धान व तपस्वीरत्ना थी। आपने कुछ वर्ष पूर्व अलसर के रोग मे तपसाधना व मंत्र जाप के माध्यम से उस रोग से मुक्त हूई। आपने पदमावती माँ का चालीसा उस रोग निवारण पर लिखा, महान साध्वीजी को बाङमेर जैन श्रीसंघ, सूरत की ओर से नमन वंदन।

जैन-टाइम्प्रस.कॉम, प्रमुख संपादक – प्रदीप कोचर