सुबह-उठते-समय-धार्मिक-आराधना

प्रातः उठते समय धार्मिक आराधना – जैन पद्धति अनुसार

प्रातः उठते समय धार्मिक आराधना करने हेतु आप सभी को जय-जिनेन्द्र। अक्सर लोग कहते है जैन कुल में जन्म हुआ है यह बहुत बड़ा पुण्य है। अतः हम अपने जीवन मे कुछ छोटी-छोटी बातो को ध्यान रखे तो हमे अपने जीवन में इसका बड़ा धार्मिक लाभ देख सकते है। नियम आपके जो भी हो वह अगर सत्य, अहिंसा एवं कर्म से जुड़ा है तो वह निश्चय ही आपके जीवन में एक बड़ा परिवर्तन ला देता है। गुरूभगवंत कहते है प्रातः उठते समय धार्मिक आराधना करने हेतु कुछ निम्न लिखित गतिविधियों को अपने आचरण में लगातार नियमानुसार करे। इससे आपको आत्म-शांती मिलेगी।

  • सर्वप्रथम अपनी हथेलियों के दर्शन करना । चन्द्रमा रुपी सिद्धशिला के ऊपर विराजमान २४ तीर्थांकर की कल्पना कर उन्हें वंदन करना ।
  • परमात्मा की तरह हम भी अपने कर्मो का क्षय ( ख़त्म ) अपने जीवन में कर सके, इस भावना के साथ 9 नवकार मन्त्र गिनना ।
  • नाक के जिस तरफ (दाहिना या बांया ) से श्वास अधिक आता हो , उस तरफ का पैर ज़मीन पर पहले रखना।
  • घर में इस प्रकार व्यवस्था करनी की सुबह उठते साथ कभी झाड़ू और जूते-चप्पल के दर्शन न हों।
  • भगवान की प्रतिमा / तस्वीर के आगे णमो जिणाणं कहकर, गुरु की प्रतिमा / तस्वीर के समाने विनयपूर्वक मत्थएण वंदामि कहना ।
  • अपने माता पिता के चरणों का स्पर्श करना अथवा उनकी तस्वीरों के आगे शीश झुकाना।
  • नवकारसी का पच्चक्खान सम्भव हो तो अवश्य करे । सूर्योदय से 48 मिनट तक कुछ न खाना पीना ही नवकारसी है जो बहुत ही सरलता से किया जा सकता है।

अन्य धार्मिक आराधना

  • अपनी इच्छानुसार या नियमानुसार समायिक आराधना करना या मन्दिर में जाकर दर्शन करना या पूजा अर्चना करना।
  • गुरूभगवंत की उपस्थिति हो तो उनके प्रवचन में सम्मलित होना।
  • सम्भव हो तो समय-समय पर उपवास के माध्यम से तपस्या करना।
  • सम्भव हो तो जरूरतमंदो की आर्थिक या अन्य किसी रूप मे सहायता करना।

आप से जितना सम्भव हो सके अपनी इच्छानुसार करें क्योंकि जैन धर्म के अन्दर हर गतिविधियों का एक वैज्ञानिक पक्ष है, जो कि हमारे स्वास्थय को हमारी जीवन-सैली के अनुकुल बनाता हैं।

हम आगे भी जैन टाइम्स के इस पोर्टल द्वारा समय-समय पर गुरूभगवंतो के अनुसार आपका मार्गदर्शन करते रहेंगे। आप अपनी जिज्ञासाओं को हमारे साथ हमारी ईमेल – press@jain-times.com के द्वारा साझा कर सकते है।

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