मीरपुर स्थित जहाज मंदिर की ट्रस्टी श्रीमती निर्मला जी चौधरी का 18 फरवरी 2025 को मीरपुर में निधन हो गया। उनका जीवन निस्वार्थ सेवा, समर्पण और धार्मिक आस्था का अनुपम उदाहरण था।
2018 से, उन्होंने अपने पति एवं जहाज मंदिर के संस्थापक श्री विजयराज जी चौधरी के साथ मीरपुर की निर्जन भूमि को एक भव्य तीर्थ स्थल में परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंदिर, धर्मशाला, उपाश्रय, भोजनशाला एवं गुरुदेव मंदिर के निर्माण में उनका योगदान अतुलनीय रहा। फरवरी 2024 में मंदिर प्रतिष्ठा समारोह संपन्न कर उन्होंने इस दिव्य कार्य को पूर्णता प्रदान की।
निर्माण के दौरान उन्होंने अपने परिवार व परिजनों से दूर रहकर तन-मन-धन से सेवा की एवं अपने पति के संकल्प को कंधे से कंधा मिलाकर साकार किया। उनकी तपस्या, श्रद्धा और समर्पण से मीरपुर एक विस्तृत तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ। आचार्यों के आशीर्वाद और उनकी करुणामयी प्रवृत्ति के कारण वे “दादीजी” के नाम से प्रसिद्ध हुईं।
स्वास्थ्य निरंतर खराब रहने के बावजूद, उन्होंने धूप, ठंड और वर्षा की परवाह किए बिना मंदिर निर्माण कार्य में अपना सम्पूर्ण योगदान दिया। वे अपने पति की हर कदम पर सहयोगिनी बनीं, जिससे मीरपुर तीर्थ का निर्माण तीव्र गति से संभव हो सका।
उनका जीवन प्रेरणादायक है, उनकी सेवाभावना और समर्पण युगों तक स्मरणीय रहेगा। उनका योगदान मीरपुर तीर्थ के हर पत्थर में अंकित रहेगा।